tag:blogger.com,1999:blog-8072088894214956847.post1377018309510832139..comments2023-07-09T08:47:05.835-07:00Comments on लोकविमर्श: अवधी कवितायेँ -मृदुला शुक्ल लोकविमर्शhttp://www.blogger.com/profile/15174332880753321155noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8072088894214956847.post-26674333902526412602014-12-24T10:09:28.657-08:002014-12-24T10:09:28.657-08:00अवध मेरा भी क्षेत्र है इसलिए अवधी में इन सुन्दर रच...अवध मेरा भी क्षेत्र है इसलिए अवधी में इन सुन्दर रचनाओं का आनद भी दूना हो गया ! मृदुला जी को बधाई !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8072088894214956847.post-67467072274853047852014-12-24T07:10:35.560-08:002014-12-24T07:10:35.560-08:00मृदुला जी की कवितायें अवधी के जनपदीय लोक को आख्याय...मृदुला जी की कवितायें अवधी के जनपदीय लोक को आख्यायित करने वाली कवितायें हैं । इन कविताओं मे सतही ग्रामीणता बोध नहीं वरन गंवई जीवन का सफल यथार्थ है । लोक को लोक की भाषा मिली है यह इन कविताओं की सबसे बड़ी जीवटता है । और इस सहज जीवटता की कवि मृदुला शुक्ल को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ !शैलेन्द्र कुमार शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/12359382109881195985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8072088894214956847.post-16386389420204428892014-12-22T23:55:26.800-08:002014-12-22T23:55:26.800-08:00अनुभूति को साकार करते बिम्बों का सजीव् चित्रणअनुभूति को साकार करते बिम्बों का सजीव् चित्रणडॉ. बृजेंद्र अग्निहोत्रीhttps://www.blogger.com/profile/11607056749586033470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8072088894214956847.post-14347617286931257192014-12-22T02:24:30.014-08:002014-12-22T02:24:30.014-08:00ई बना रहे
झबरा कुकरा
जे रतिया की दंदाई देत ।
वाह ...ई बना रहे <br />झबरा कुकरा<br />जे रतिया की दंदाई देत ।<br />वाह क्या मार्मिक बिंब है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17846823139138180048noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8072088894214956847.post-62970923374580403592014-12-22T02:24:07.262-08:002014-12-22T02:24:07.262-08:00ई बना रहे
झबरा कुकरा
जे रतिया की दंदाई देत ।
वाह ...ई बना रहे <br />झबरा कुकरा<br />जे रतिया की दंदाई देत ।<br />वाह क्या मार्मिक बिंब है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17846823139138180048noreply@blogger.com