मंगलवार, 18 नवंबर 2014

LOKVIMARSH (लोकविमर्श): नितीश मिश्रा की कवितायें

LOKVIMARSH (लोकविमर्श): नितीश मिश्रा की कवितायें:  वर्तमान युग विसंगतियों  का युग है| आम आदमी के सपनों के  टूटन का मद्धिम स्वर जनतांत्रिक मूल्यों के विखंडन का स्वर बन चूका है| चुनौतियाँ बढ...

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